उध्दव जी के ज्ञानपूर्ण कवित्तों का संग्रह
उध्दव जी के बारे में
उध्दव जी कृष्ण के प्रिय सखा और ज्ञानी थे। उनके कवित्त जीवन के गहरे सत्यों को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करते हैं।
प्रसिद्ध कवित्त
"ज्ञानी तो तात मैं मूरख, रहा कहा सो कहा।
जो तू जानै सो तू जानै, मैं तो जानै नहीं।"
"माया महाठगिनी हम जानी।
तिरगुन फांस लिए कर डोले।"