उध्दव जी के कवित्त

उध्दव जी के ज्ञानपूर्ण कवित्तों का संग्रह

उध्दव जी के बारे में

उध्दव जी कृष्ण के प्रिय सखा और ज्ञानी थे। उनके कवित्त जीवन के गहरे सत्यों को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करते हैं।

ज्ञान के कवित्त

आत्मज्ञान और मोक्ष पर कवित्त

पढ़ें
भक्ति के कवित्त

कृष्ण भक्ति पर कवित्त

पढ़ें
नीति के कवित्त

जीवन नीति पर कवित्त

पढ़ें
दर्शन के कवित्त

दार्शनिक विचारों पर कवित्त

पढ़ें
प्रसिद्ध कवित्त

"ज्ञानी तो तात मैं मूरख, रहा कहा सो कहा।
जो तू जानै सो तू जानै, मैं तो जानै नहीं।"

उध्दव जी

"माया महाठगिनी हम जानी।
तिरगुन फांस लिए कर डोले।"

उध्दव जी